क्या आपने भी ऐसा महसूस किया है?

तेरा जाना जैसे

मुस्कुराहट का होटो से रूठ जाना
निगाहों का नज़रबंद हो जाना
पानी का मछली से रूठ जाना
काली रात में चांद का खो जाना

तुझे भुलाना जैसे

भड़कती आग को अपनी हथेलियों से बुझाना
सोती आंखों को अपने आंसुओ से जगाना
दर्द को अपनी मुस्कुराहट से छुपाना
ज़िंदगी का होना पर वजह का पता न होना

                                - हिमांशु चौबे
  





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